(ISRO बना रहा है नया स्पेस पोर्ट,अब लॉन्च में श्रीलंका नहीं बनेगा बाधा)
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO तमिलनाडु के कुलशेखरापटनम में भारत का दूसरा स्पेस पोर्ट निर्मित कर रहा है,जिसका शिलान्यास हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा किया गया।ग़ौरतलब है कि स्पेस पोर्ट वह स्थान होता है,जहाँ से किसी उपग्रह या स्पेसक्राफ्ट को प्रमोचन यान के माध्यम से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाता है।इससे पहले भारत का प्रथम स्पेस पोर्ट सतीश धवन स्पेस सेंटर,श्रीहरिकोटा में स्थापित किया गया था,जो 1971 से भारत का मुख्य स्पेस पोर्ट है।
लेकिन अब ISRO ने ध्रुवीय कक्षाओं में भेजे जाने वाले उपग्रहों को प्रक्षेपित करने हेतु कुलशेखरापत्तनम में नया स्पेस स्टेशन बनाने का निर्णय लिया है,जिसमें एक लॉन्च पैड होगा,जहाँ से मुख्यतः स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल( SSLV)को लॉन्च किया जाएगा।वहीं दूसरी ओर सतीश धवन स्पेस सेंटर,श्रीहरिकोटा में PSLV ओर GSLV के लिए अलग-अलग दो लॉन्च पैड पहले से ही ऑपरेशनल है।जबकि तीसरा लॉन्च पैड NGLV (सूर्या) यान के लिए निर्मित किया जा रहा है।इस प्रकार अब ऑर्बिट के अनुसार अलग अलग स्पेस पोर्ट से अलग अलग रॉकेट लॉन्च किए जाएंगे।
(भारत को नया स्पेस पोर्ट बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी?)