विधायक स्वामी प्रताप पूरी जी


 पोकरण की सियासत ...

इस विधानसभा चुनाव में परमाणु शक्ति का केंद्र पोकरण विधानसभा क्षेत्र चर्चित था,क्योंकि यहां से तपोभूमि तारातरा बाड़मेर के महंत श्री स्वामी प्रतापपुरी जी चुनाव लड़ रहे थे,स्वामी जी का मुकाबला सिंधी जमात के धर्म गुरु गाज़ी फ़कीर के पुत्र साले मोहम्मद से था।साले मोहम्मद के वालिद साहब का पश्चिमी राजस्थान सहित पाकिस्तान में अच्छा प्रभाव माना जाता हैं।उसी तरह सम्पूर्ण मालाणी सहित राजस्थान में तारातरा मठ हिंदुओं के श्रद्धा का प्रमुख केन्द्र हैं;स्वामी जी गुरुवर श्री मोहनपुरी जी महराज को लोगों की आस्था के अनुसार मालाणी के महादेव की उपाधि दी गई है;श्री मोहनपुरी जी के गुरु श्री धर्मपुरी जी महाराज ने भी अपनी आहुति समाज कल्याण के काम में दी थीं,इसलिए चुनावी मुकाबला राजनैतिक से अधिक धार्मिक हो गया था,उल्लेखित कारणों की वजह से परमाणु नगरी पोकरण के चुनाव पर अबकी बार सबकी नजरे टिकी हुई थीं,वैसे भी पोकरण का चुनाव हर बार रोचक ही होता हैं,पोकरण जैसलमेर जिले में स्थित हैं लेकिन संसदीय क्षेत्र के अनुसार जोधपुर लोकसभा के अंतर्गत आता है।पोकरण विधानसभा मुस्लिम एवम् राजपूत बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण यहां से कांग्रेस पार्टी मुस्लिम समुदाय से आने वाले फकीर परिवार पर दाव खेलती हैं।वहीं बीजेपी यहां से लगातार २००८ से लेकर अभी तक राजपूत चेहरे पर चुनाव में लड़ती आई हैं वैसे तो प्रतापपुरी सन्यासी संप्रदाय से आते हैं लेकिन स्वामी जी का जन्म १९६४ में बाड़मेर के समीप स्थित महाबार गांव में राठौड़ गोत्र के राजपूत समाज में हुआ है।इसलिए राजपूत समाज से स्वामी जी का अटूट संबंध हैं।पोकरण में मोटा मोटी अनुमानित ६० हज़ार मुस्लिम,४० हजार राजपूत,३५ हज़ार दलित,१० हज़ार जाट,०६ हज़ार विश्नोई,०५ हज़ार माली, ०३ हज़ार ब्राह्मण अन्य सहित छोटी मोटी जातियां भी निवासरत हैं। यहां से २००८ में शैतान सिंह और साले मोहम्मद के बीच में कड़ा मुकाबला देखने को मिला था इस सीट को साले मोहम्मद ने मात्र ३३९ वोटों से फतह कर विधानसभा में दस्तक दीं,गाज़ी परिवार की जैसलमेर की स्थानीय राजनीति में तूती बोलती थीं पंचायती राज के चुनावों से लेकर विधानसभा के चुनावों में स्पष्ट प्रभाव दिखाई देता था।फिर २०१३ के विधानसभा के चुनाव में मोदी की लहर का प्रभाव पोकरण दिखाई दिया, शैतान सिंह ने ३४,४४४ मतों के भारी अंतर से साले मोहम्मद को पटखनी दी। अब फिर अगले २०१७ के विधानसभा के चुनाव में बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बदल दिया और कांग्रेस ने अपना वहीं प्रत्याशी रखा।फिर बाड़मेर की तारातरा मठ से संबंध रखने वाले महंत और फकीर के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला,स्वामी जी के लिए यह राजनीति में पहला अवसर था केवल मात्र ०९ दिन का चुनावी प्रचार का अल्प समय मिला,बेहतरीन तरीके से लड़ाई लड़ी लेकिन नए नए राजनीति के मैदान में होने के कारण एग्रेसिव मोड में चुनाव लड़ा,इसलिए हिंदुत्व विचारधारा का पलड़ा भारी रखा,बाहर से आए हुए हिंदुत्ववादी नेताओं पर ज़ोर अधिक रखा इसलिए मुस्मिल सहित दलित वोटों का ध्रुवीकरण हुआ,दलित नेता श्री रूपा राम धन्दे का प्रभाव होने के कारण, दलितों के वोट कांग्रेस की झोली में गए।यहां से नए खिलाड़ी महंत श्री केवल मात्र ८७२ से हार गए।साले मोहम्मद किस्मत वाला नेता हैं दोनों ही चुनावीं जीत बहुत कम अंतर से हुई,२०२३ के विधानसभा के चुनाव में दोनों मंजे हुए राजनीति के खिलाड़ी मैदान में थे अबकी बार इतना अंतर जरूर था की गाज़ी परिवार और रूपा राम के बीच में अनबन हों गई थीं यह दरार पंचायतीराज के चुनाव में खुलकर सामने आ गई थीं,रूपा राम के अंदरखाने के सहयोग से जिला प्रमुख बनाने में स्वामी प्रतापपुरी जी कामयाब हुए,रूपा राम और साले मोहम्मद की आपसी लड़ाई को दलितों ने वर्चस्व की लड़ाई के रूप में लिया,स्वामी जी भी पूरे पांच वर्ष तक क्षेत्र में सक्रिय रहें और युद्ध स्तर पर सीधे तौर पर समर्पित कार्यकर्ताओं से जुड़ने का प्रयास किया।२०२३ का विधानसभा के चुनाव में बीजेपी ने फिर से योग गुरु स्वामी रामदेव के करीबी महंत स्वामी प्रतापपुरी के सहारे ही भाग्य आजमाने का प्रयास किया,स्वामी जी ने हिंदुओं सहित मुसलमानों को भी साधने का प्रयास किया और सफ़ल हुए,पोकरण में अच्छीखाशी गौमटिएं मुसलमान निवास करतें हैं,वे लंबे समय से गाज़ी फ़कीर परिवार के विपरीत धारा में रहें हैं।लेकिन पिछली बार हिंदुत्व की शंखनाद को सुनकर गाज़ी फ़कीर परिवार के साथ चले गए थें अबकी बार उन्होंने अपना मत बदल दिया,स्वामी जी के पाले में आ गए;इस बार के चुनाव में स्वामी जी ने मुस्लिम नेताओं को हर वक्त साथ रखा,कई छायाचित्र में मुस्लिम लोगों स्वामी जी को कंधो उठा रखा था,इन छाया चित्रों से पोकरण क्षेत्र सहित बाहर अच्छा संदेश गया, स्वामी जी का उदारवादी चेहरा उभरकर सामने आया और हिंदू मुस्लिम एकता देखने को मिली, इस बार दलितों सहित मुस्लिम समुदाय से बड़ी मात्र में स्वामी की झोली में वोट आए; इसलिए इस बार पोकरण विधानसभा में कुल १,९८,६१३ वोट हुए,उनमें से १,१२,९२५ स्वामी जी के खाते में आए,कुल मतदान में ५६.८३% मत स्वामी जी के पक्ष में पड़े। और स्वामी जी ने ३५,४२६ मतों से विजयश्री हासिल की,इस चुनाव बाहरी नेताओं का कम प्रभाव देखने को मिला, स्वयं और स्थानीय समर्पित कार्यकर्ताओं के बलबूते पर चुनावी जंग लड़ी गई और जंग ए मैदान को फतेह किया।इस बार स्वामी जी को मुस्लिम,राजपूत सहित दलित वोट मिले,जैसलमेर में फकीर परिवार राजनीति में हावी रहा है अबकी बार हरीश चौधरी की दखलंदाजी देखने को भी मिली गाज़ी परिवार अबकी बार रूपा राम को टिकिट देने के पक्ष में नहीं था उनकी जगह जसोल परिवार से संबंध रखने वाले कर्नल मानवेंद्र सिंह को टिकिट दिलाना चाहता था,कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश चौधरी ने रूपा राम का टिकिट यथावत रखा और जसोल को सिवाना विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा गया।पोकरण की जनता को यकीन है की स्वामी जी हिंदू मुस्लिम एकता की इसी तरह मिशाल बनेंगे..ऐसा ही उदारवादी चेहरा बना रहे यहीं हमारी मनोकामना हैं वैसे भी असल में स्वामी जी शालीन एवम् सभ्य इंसान हैं।स्वामी जी कुरुक्षेत्र हरियाणा के गुरुकुल से दीक्षित हैं. -राम 

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form